Sunday, May 10, 2015

Original Nadi Astrology Teaching Series Post 12


This teachings written by scholar shri Ram Krishan Goel, now residing in Gurgoen. This Nadi system where Ascendent is considered equally very important. Now for us he has produced the series to understand the basics and naunces of original Nadi Astrology. This particular material is cover under his copyright as wherever applicable.

His material will be soon available in print.  He can be contacted through 09810919479

[Vijay Goel] I find it is expansion of R G Rao's nandi nadi concept with ascendent. All nadis has same basic but little bit differet in applications. Much of the basic content is taken from "Core of Nadi Astrology" of Late RG Rao.

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POST No 12 friendship-enmity

ग्रहो मे दोस्ती ओर दुश्मनी। दोस्ती ओर दुश्मनी का सही उपयोग आपके फलित मे 4 चाँद लगा देगा। इसलिये पढ़ कर बहुत विचार आवश्यक है।

सूर्य-
गुरु।मंगल।बुद्ध। चन्द्र।का दोस्त।
 शनि ।राहु। शुक्र का दुश्मन।
शनि एवम् केतु का सैद्धान्तिक दोस्त दुश्मन केतु सूर्य को रुकावट डालता है पर सम्मान देता है। इसीलिए राजा राज्य का झंड़ा रखते है।

 चन्द्र।
 सूर्य , मंगल का दोस्त
शुक एवम् राहु का दुश्मन।
शुक्र बुध एवम् शनि का सैद्धान्तिक दोस्त ओर दुश्मन।

 मंगल
सूर्य, गुरु, चन्द्र दोस्त।
शनि ,बुद्ध, राहू दुश्मन।
शुक्र सैद्धान्तिक दोस्त ।

 बुद्ध
सूर्य ,शुक्र, शनि, राहू दोस्त ।
 मंगल ,केतु दुश्मन।
गुरु, चंद्र सैद्धान्तिक दोस्त ।

 ब्रिस्पति ,
सूर्य, मंगल, चन्द्र, शनि दोस्त ।
राहू दुश्मन ।
चन्द्र , बुद्ध ,शुक्र , केतु सैद्धान्तिक दोस्त ।
 घटता चन्द्र गुरु को नुकसान पहुचाता है। ( स्थिति अनुसार अपना फायदा नुकसान देखते है ये सैद्धान्तिक दोस्त ग्रह।

 शुक्र
 शनि ,बुद्ध ,मंगल राहु दोस्त ।
 सूर्य ,चन्द्र ,केतू दुश्मन ।
गुरु सैद्धान्तिक दोस्त ( गुरु ,शुक्र युति शुभ होती है पर सेहत के लिए खराब होती है। )

 शनि
गुरु ,शुक्र ,बुद्ध दोस्त ।
मंगल ,सूर्य ,केतू दुश्मन ।
मंगल, राहू सैद्धान्तिक दोस्त ओर दुश्मन । (सूर्य स्थिति अनुसार व्यहार बदल लेता है।)

राहू
 बुद्ध, शुक्र राहू का गुरु है दोस्त।
मंगल ,चन्द्र, सूर्य दुश्मन।
शनि, गुरु सैद्धान्तिक दोस्त ।

 केतू।
कोई दोस्त नही।
शनि, बुद्ध दुश्मन ।
सूर्य , गुरु सैद्धान्तिक दोस्त । केतु चन्द्र को रुकावट डालता है पर धर्मिक परिवर्ती प्रदान करता है।

सैद्धांतिक दोस्त ओर दुश्मन। कृपया नोट करे। सैद्धान्तिक दुश्मनी ओर दोस्ती आपको ज्योतिष मे कही नही मिलेगी। परन्तु प्रिक्रिती मै वास्तव मे इस तरह होता है।

जेसे की पत्नी ओर पति एक दूसरे के।छिपे दुश्मन होते है। पत्नी पति से सब कुछ ले लेती है जेसे आमदनी,तनखा, घर, यहॉं तक की सेमेंन आदि आदि।
 ठीक इस तरह पुरुस भी सब लेता है घर मे कार्य कराता है। बच्चे पैदा करता है। पेट मे स्त्री रखती है ओर हक पिता का होता है।
परन्तु अगर पुरुस कोई गलत कार्य करे या स्त्री करे , तो वह एक दूसरे को करने नही देंगे।जेसे पुरुष स्त्री दोनो मे से कोई पर पुरुस या स्त्री गमंन करे तो ऐसा नही होने देंगे। इसे कहते है सैद्धान्तिक दोस्ती ओर दुश्मनी।
गोद लिए गए बच्चे के साथ यही सैद्धान्तिक दोस्ती ओर दुश्मनी कार्य करती है।
जेसे सूर्य ओर शनि। सूर्य नही चाहता शनि को नुकसान हो। ओर शनि के फायदे के लिए उसे धमकी देता रहता है। इसलिए ज्यादातर लोगो को सूर्य उच्च पदवी देने की कोसिस करता है।
 इस दुश्मनी को एक ओर तरह से।समझ सकते हो । वह की जब पिता नीच का होता है तो शनि है सूर्य का नीच भंग करता है । अर्थात दुश्मन होते हुए भी सूर्य की मदद करता है। आखिर क्यो। क्योकि सिद्धान्त अमुसार पुत्र पिता को नुकसान नही करता।
ठीक इसी प्रकार दैत्य गुरु शुक्राचार्य भी आपने राजा को परेसानी मे नही देख सकते । ओर नियम अनुसार किसी भी गुरु को किसी की भी मदद करनी चाहिये। अत शुक्र भी सूर्य का नीच भंग राज योग बना देता है।
लेकिन गोचर मे या यहाँ शनि के दोस्त आ जाये तो उनके साथ मिलकर सूर्य को नुकसान करेगा। अगर सूर्य ओर शनि के दोस्त आ जाये तो अति फायदा करेगा।
ओर शनि सूर्य को अलसी मेहनती या अधिक कार्य से पीड़ित कर देता है टांगो मे चोट पहुचा देता है। परंतु समय से पहले आयु देता है। ओर समय आने पर जीवन समाप्त कर देता है।
 सूर्य राजा है केंद्रीय सरकार का अधिपति है । शनि प्रोफेशन है। सूर्य शनि को सरकारी नोकरी देता है इसलिए सैद्धान्तिक दोस्त कहा है। इस लिए ये भी सैद्धान्तिक दोस्त एवम् दुश्मन है।

ऐसे ही चन्द्र ओर बुद्ध। गुरु ओर बुद्ध। इसलिये आपने कुछ लोगो को देखा होगा की वे आपस मे खूब लड़ते मरते है ।ओर लोग समझते है की अब एक दूसरे से बात नही करेंगे। परंतु 10 मिनट बाद एक साथ चाय पी रहे होंगे। यह सैद्धान्तिक दोस्ती दुश्मनी है।
 इसका उपयोग ज्योतिष मे केसे करेगे। उदाहरण के लिए आपकी कोई संतान झगड़ा करके आपसे दूर चली जाये। ओर आपको बता भी दे की वे कहाँ ओर केसे है। तो भी आप परेसान रहोगे। ओर आपको कोई संतान सुख नही होगा। अब वही संतान विदेश मे कार्य हेतु चली जाये । ओर बहुत लंबे समय तक वही रहे तो भी आप को संतान सुख नही होगा परन्तु आप खुश होंगे । जबकि पहले केस मे दुखी। फिर भी झगड़ा करने वाली संतान समय समय पर मदद करती है। इसे कहते है सैद्धान्तिक उपयोग।
नोट सैद्धान्तिक दोस्ती दुश्मनी मे भी ग्रह अपने नियम नही तोड़ते है।


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Please go through these notes.


Thankyou
Best Wishes,
Vijay Goel
Mob : 8003004666

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